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धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः | तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् ॥

Buddha Temple @ Bodh Gaya (Bihar)

   Buddha Temple: The Mahabodhi temple is a UNESCO world heritage site and lots of securities are in place. It is a must-visit place and one of the best tourist destinations in Bihar. Tourists from across the globe visit here throughout the year. The place is very clean and calm located on the bank of the Falgu river.  This is one of the four important places related to Lord Buddha as he attained enlightenment here below the Bodhi Tree (Tree of awakening). The tree is just next to Mahabodhi temple and considered that if the leaf of the tree falls on any individual, his/her wish will get fulfilled.   Temple visiting Timing:   05 AM to 09.00  PM  - Everyday.  Best time to visit:  All time. During the summer it's very hot. Entry Fees:   There is no entry fee for general darshan but you have to pay Rs. 100 for Camera and Rs. 300 for the Video camera. The mobile phone is not allowed and you have to submit it at the counter.  Temple  Address: Bodh Gaya, Bihar,  India Special occasion: Du
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भगवान को वशीभूत करने का सुलभ तरीका क्या बतलाया गया है?

  प्रश्न : भगवान को वशीभूत करने का सुलभ तरीका क्या  बतलाया गया है? उत्तर: भक्ति के द्वारा भगवान को वशीभूत किया जा सकता है।                      संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय २  / श्लोक १८                 240424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/PpoHZSiqYrk श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए  क्लिक करें द्वारा  अनुज मिश्रा

देवभक्तों को दंड देने का सामर्थ्य यमराज देवता में भी नही ?

  प्रश्न : देवभक्तों को दंड देने का सामर्थ्य यमराज देवता में भी नही ? उत्तर: यमराज देवता अपने दूतों से कहते हैं कि हम औरों को ही दंड देने का सामर्थ्य रखते हैं, देव दूतों को नहीं।       संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय ६  / श्लोक ९९                     230424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/DPdIMYKLIYs श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए  क्लिक करें द्वारा  अनुज मिश्रा

महाराज परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कब कराया गया था?

  प्रश्न : महाराज परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कब कराया गया था? उत्तर: कलियुग के ३० वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भाद्रपद शुक्लपक्ष नवमी को भगवान सुकदेव महाराज परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करवाए थे।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय ६  / श्लोक ९४                   220424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/wmOFWCIhyHI श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए  क्लिक करें द्वारा  अनुज मिश्रा

संतानोत्पति के निहित श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का फल क्या है?

  प्रश्न : संतानोत्पति के निहित श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का फल क्या है?  उत्तर: संतानोत्पति के निहित श्रीमद्भागवत कथा का साप्ताहिक श्रवण का फल अक्षय होता है।                   संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय ६  / श्लोक ५२               200424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/egNN4fxUN1Y श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए  क्लिक करें द्वारा  अनुज मिश्रा

भगवतकथा श्रवण के लिए नियम और अनुशासन का पालन कितना अनिवार्य ?

  प्रश्न : भगवतकथा श्रवण के लिए  नियम और अनुशासन का पालन कितना अनिवार्य ? उत्तर: जिनसे जैसा नियम सध सके उनको वैसा ही कथा श्रवण करना चाहिए।                   संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय ६  / श्लोक ४२                 190424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/9TtcBQbxdIA श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए  क्लिक करें द्वारा  अनुज मिश्रा

वैदिक मंत्र किस परिस्थिति में अपना असर त्याग देते हैं?

  प्रश्न : वैदिक मंत्र किस परिस्थिति में अपना असर त्याग देते हैं? उत्तर: जिस क्षण मन्त्रों के प्रति संदेह उत्तपन हो जाता है उसी क्षण मन्त्र अपना प्रभाव (असर) त्याग देते है।                  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय ५  / श्लोक ७३                 180424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/jLosrdwI4XY श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए  क्लिक करें द्वारा  अनुज मिश्रा

श्रीमद्भागवत कथा का फल हरेक व्यक्ति को एक समान क्यों नहीं प्राप्त होता है?

  प्रश्न : श्रीमद्भागवत कथा का फल हरेक व्यक्ति को एक समान क्यों नहीं प्राप्त होता है? उत्तर: श्रीमद्भागवत का सप्ताह श्रवण का फल सबको एक समान नहीं मिलता है क्यों कि सबका श्रवण और मनन अलग अलग होता है।                  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय ५  / श्लोक ७१            160424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/vDF3hqdBpj8 श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए  क्लिक करें द्वारा  अनुज मिश्रा