प्रश्न : हमारे धर्मग्रंथ में शोक को सबसे बड़ा शत्रु क्यों बताया गया है? उत्तर: शोको नाशयते धैर्यं, शोको नाशयते श्रुतम्। शोको नाशयते सर्वं,नास्ति शोकः समो रिपुः।। शोक धैर्य को समाप्त कर देता है,शोक शास्त्रीय ज्ञान को समाप्त कर देता है।शोक सर्वस्व समाप्त कर देता है,शोक के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है। वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६२ सर्ग / श्लोक १५ द्वारा अनुज मिश्रा