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Showing posts from September, 2022

६४ योगनियों के नाम (Name of 64 Yogini)

६४ योगनियों के नाम (Name of 64  Yogini) दिव्ययोगिनी (Divyayogini) महायोगिनी (Mahayogini) सिद्धयोगिनी (Siddhyogini) गणेश्वरी (Ganeshwari) प्रेताक्षी (Pretakshi) डाकिनी (Dakini) काली (Kali) कालरात्रि (Kalratri) निशाचरी (Nishachari) झंकारी (Jhankari) ऊर्द्ववेताली (Urdwetali) खर्परी (Kharpari) भूतयामिनी (Bhutyamini) ऊर्द्वकेशी (urdkeshi)  विरुपाक्षी (Virupakshi) शुष्कंगी (Shuskangi) मांसभोजनी (Mansbhojni) फेत्कारी (Phetkari) वीरभद्राक्षी (Veerbhadrakshi) धूम्राक्षी (Dhumrakshi) कलहप्रिया (kalahpriya) रक्ता (Rakta) घोररक्ताक्षी (Ghorraktakshi) पिशची (Pishachi) भयंकरी (Bhayankari) चौरिका (Chourika) मारिका (Marika) चण्डी (Chandi) वाराही (Varahi) मुण्डधरिणी (Munddharini) भैरवी (Bhairavi) चक्रिणी (Chakrini) क्रोधा (Krodha) दुर्मुखी (Durmukhi) प्रेतवाहिनी (Pretvahini) कण्टकी (Kantaki) दीर्घलंबौष्ठी (Dirghlamboshti) मालिनी (Malini) मन्त्रयोगिनी (Mantrayogini) कालाग्नी (Kalagni) मोहिनी (Mohini) चक्री (Chakri) कपाली (Kapali) भुवनेश्वरी (Bhuvneshwari) कुण्डलाक्षी (Kundlakshi) जुही (Juhi) लक...

माता दुर्गा का पांचवां रूप का नाम स्कंदमाता क्यों पड़ा?

                                                प्रश्न : माता दुर्गा का पांचवां रूप का नाम स्कंदमाता क्यों पड़ा? उत्तर: माता के पुत्र भगवान कार्तिक जिनको स्कन्द के नाम से भी जानते हैं . राक्षसों का मर्दन करके देवताओं का भला किये थे, इसीलिए माता दुर्गा का नाम स्कंदमाता पड़ा | द्वारा अनुज मिश्रा

दुर्गा सप्तशती किस मूल ग्रंथ का हिस्सा है? किस पुराण में वर्णित है?

                                               प्रश्न : दुर्गा सप्तशती किस मूल ग्रंथ का हिस्सा है? किस पुराण में वर्णित है? उत्तर: मार्केंडय पुराण द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा के चौथे रूप का नाम कुष्मांडा क्यों पड़ा था?

                                               प्रश्न : माता दुर्गा के चौथे रूप का नाम कुष्मांडा क्यों पड़ा था? उत्तर: वह आवरण जिसके अंदर जीव सुरक्षित रहता है उसे कुष्मांडा कहते है | माता दुर्गा सवी जीवों की रक्षा करती हैं इसीलिए उनका नाम कुष्मांडा पड़ा | द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का तीसरा रूप का नाम चंद्रघंटा क्यों पड़ा था?

                                              प्रश्न : माता दुर्गा का तीसरा रूप का नाम चंद्रघंटा क्यों पड़ा था? उत्तर: महिषासुर असुर के वद्ध के लिए एक देवी का अवतार हुआ था जिन्होंने अपने सर पर चन्द्रमा और गले घंटा का आभूषण पहने हुए थे, इसीलिए माता का नाम चंद्रघंटा पड़ा | द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का अराधना करने वाला ग्रंथ का नाम दुर्गा सप्तशती क्यों पड़ा?

                                             प्रश्न : माता दुर्गा का अराधना करने वाला ग्रंथ का नाम दुर्गा सप्तशती क्यों पड़ा? उत्तर: सप्तशती मतलब सात सौ (७००) | माँ दुर्गा का आराधना करने के लिए ७०० श्लोकों का संग्रह किया गया है इसलिए ग्रन्थ का नाम दुर्गा सप्तशती पड़ा | द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का नाम ब्रह्मचारिणी क्यों पड़ा?

                                             प्रश्न : माता दुर्गा का नाम ब्रह्मचारिणी क्यों पड़ा? उत्तर: क्यों कि वे शिवरूपी ब्रह्म में विचरण करतीं थीं द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का नाम शैलपुत्री क्यों पड़ा था?

                                            प्रश्न : माता दुर्गा का नाम शैलपुत्री क्यों पड़ा था? उत्तर: माता दुर्गा का नाम शैलपुत्री इसलिए पड़ा था क्यों कि उनका जन्म पर्वतराज हिमवान के घर हुआ था | द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीरामचंद्र जी को चित्रकूट (वनवास) जाने से दो लाभ कौन कौन से हुआ था?

                                            प्रश्न : प्रभु श्रीरामचंद्र जी को चित्रकूट (वनवास) जाने से दो लाभ कौन कौन से हुआ था? उत्तर: १. पिता की आज्ञा का पालन करके धर्म ऋण से मुक्त २. राज्य त्यागकर छोटे भाई भरत का प्रिय करना वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ९४ सर्ग / श्लोक १७ द्वारा अनुज मिश्रा

तर्पण और पिंड किनके लिए ? ८ वां पिंड किनका ?

  धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः | तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् || अपने सनातन धर्म को समझकर प्रचार और प्रसार करें || जय सनातन || द्वारा अनुज मिश्रा

भरद्वाज मुनि के समक्ष कुमार भरत के द्वारा कैकई का परिचय देना और मुनि का अपना विचार प्रकट करना

                                           प्रश्न : भरद्वाज मुनि के समक्ष कुमार भरत के द्वारा कैकई का परिचय देना और मुनि का अपना विचार प्रकट करना उत्तर: भरद्वाज मुनि बोले कि तुम कैकई के प्रति दोष दृष्टि न करो | श्रीराम का यह वनवास भविष्य में बड़ा ही सुखद होगा | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ९२ सर्ग / श्लोक ३० द्वारा अनुज मिश्रा

भारद्वाज मुनि की आज्ञा से कुमार भरत के समक्ष अप्सराओं का नृत्य - अप्सराएं का नाम क्या था ?

                                          प्रश्न : भारद्वाज मुनि की आज्ञा से कुमार भरत के समक्ष अप्सराओं का नृत्य - अप्सराएं का नाम क्या था ? उत्तर: अलम्बुषा, मिश्रकेशी, पुण्डरीका,वामना वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ९१ सर्ग / श्लोक ४७ द्वारा अनुज मिश्रा

अप्सरा और देवांगना किन्हें बोला जाता है और इनमे क्या अंतर है?

                                         प्रश्न : अप्सरा और देवांगना किन्हें बोला जाता है और इनमे क्या अंतर है? उत्तर: जो महिलाएं भगवान इंद्र की सेवा में उपस्थित होती थीं उन्हें अप्सरा और जो भगवान ब्रम्हा की सेवा में उपस्थित होती थीं उन्हें देवांगना के नाम से जाना जाता है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ९१ सर्ग / श्लोक १८ द्वारा अनुज मिश्रा

भरद्वाज मुनि की किन बातों से कुमार भरत आहत हुए थे और उनकी आंखें डबडबा गईं थीं?

                                        प्रश्न : भरद्वाज मुनि की किन बातों से कुमार भरत आहत हुए थे और उनकी आंखें डबडबा गईं थीं? उत्तर: भरद्वाज मुनि कुमार भरत को बोले थे कि कहीं तुम प्रभु श्रीराम का अकंटक राज्य भोगने के लिए उनका अहित करने तो नहीं जा रहे हो ? वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ९० सर्ग / श्लोक ११ - १३ द्वारा अनुज मिश्रा

कुमार भरत गंगा पार करके किस मुर्हूत में प्रयागराज के लिए निकले थे?

                                       प्रश्न : कुमार भरत गंगा पार करके किस मुर्हूत में प्रयागराज के लिए निकले थे? उत्तर: मैत्र मुर्हुत में ( १ दिन में कुल १५ मुर्हुत होता है ) वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८९ सर्ग / श्लोक २१ द्वारा अनुज मिश्रा

कुमार भरत गंगा पार करने की चुनौती को किनकी सहायता से पूर्ण किए थे?

                                      प्रश्न : कुमार भरत गंगा पार करने की चुनौती को किनकी सहायता से पूर्ण किए थे? उत्तर: निषादराज गुह की सहायता से जिसमे ५०० नावों का इस्तेमाल किया गया था वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८९ सर्ग / श्लोक १० द्वारा अनुज मिश्रा

एक दिन में कुल कितने मुहूर्त होते हैं?

                                      प्रश्न : एक दिन में कुल कितने मुहूर्त होते हैं? उत्तर: एक दिन में कुल १५ मुर्हुत होते हैं | २ घडी का १ मुर्हुत होता है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८९ सर्ग / श्लोक २१ द्वारा अनुज मिश्रा

कुमार भरत प्रभु श्रीराम की तरह दिनचर्या का प्रण कब किये थे ?

                                      प्रश्न : कुमार भरत प्रभु श्रीराम की तरह दिनचर्या का प्रण कब किये थे ? उत्तर: कुमार भरत प्रभु श्रीराम की तरह दिनचर्या का प्रण उस समय किये थे जब प्रभु श्रीराम के मित्र निषादराज गुह प्रभु श्रीराम का दिनचर्या का वर्णन कुमार भरत से किये थे |    वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८८ सर्ग / श्लोक २६ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम का जटाधारण के विषय में जानकर कुमार भरत व्यथित क्यों हुए थे?

                                      प्रश्न : प्रभु श्रीराम का जटाधारण के विषय में जानकर कुमार भरत व्यथित क्यों हुए थे? उत्तर: कुमार भरत को यह शंशय हो गया था कि जटाधरण के बाद प्रभु श्रीराम को लौटा लाने का मनोरथ पूरा नहीं होगा | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८७ सर्ग / श्लोक १ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीरामचंद्र जी अपनी जटा बनाने में किनकी सहायता लिए थे?

                                     प्रश्न : प्रभु श्रीरामचंद्र जी अपनी जटा बनाने में किनकी सहायता लिए थे? उत्तर: निषादराज गुह वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८६ सर्ग / श्लोक २४ द्वारा अनुज मिश्रा

निषादराज गुह अपने ५०००० सैनिकों को युद्ध के लिए क्यों तैयार रहने का आदेश दिए थे?

                                     प्रश्न : निषादराज गुह अपने ५०००० सैनिकों को युद्ध के लिए क्यों तैयार रहने का आदेश दिए थे? उत्तर: निषादराज गुह को आशंका था कि कुमार भरत प्रभु श्रीराम को अहित करने कि भावना से वन जा रहे हैं | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८४ सर्ग / श्लोक ५, ६, ७ द्वारा अनुज मिश्रा

माता कैकई वन में प्रभु श्रीराम से अयोध्या लौटने के लिए आग्रह करने किनके साथ गई थीं?

                                    प्रश्न : माता कैकई वन में प्रभु श्रीराम से अयोध्या लौटने के लिए आग्रह करने किनके साथ गई थीं? उत्तर: कुमार भरत, माता कौशल्या, माता सुमित्रा तथा अन्य लोगों के साथ | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८३ सर्ग / श्लोक ६ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम को वन से लौटा लाने के लिए कुमार भरत के साथ कितनी बड़ी सेना गई थी?

                                   प्रश्न : प्रभु श्रीराम को वन से लौटा लाने के लिए कुमार भरत के साथ कितनी बड़ी सेना गई थी? उत्तर: ९००० हाथी , ६०००० रथ , १००००० घुड़सवार और अनगिनत पैदल सेना वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८३ सर्ग / श्लोक २ - ७ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ की मृत्यु और प्रभु श्रीराम का वनवास का समाचार कुमार भरत को किसने सुनाया था ?

                                    प्रश्न : महाराज दशरथ की मृत्यु और प्रभु श्रीराम का वनवास का समाचार कुमार भरत को किसने सुनाया था ? उत्तर: माता कैकई वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७२ सर्ग / श्लोक १५ द्वारा अनुज मिश्रा

कुमार भरत अपना राज्याभिषेक क्यों अस्वीकार किए थे?

                                   प्रश्न : कुमार भरत अपना राज्याभिषेक क्यों अस्वीकार किए थे? उत्तर: कुमार भरत का मानना था कि उनके कुल में ज्येष्ठ पुत्र को ही राज्याभिषेक होता है जो कि उचित है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७९ सर्ग / श्लोक ७ वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ८२ सर्ग / श्लोक ११, १२ द्वारा अनुज मिश्रा

कुमार भरत अपनी माता कैकई को क्यों मारना चाहते थे?

                                  प्रश्न : कुमार भरत अपनी माता कैकई को क्यों मारना चाहते थे? उत्तर: कुमार भरत अपने माता कैकई को इसलिए मारना चाहते थे क्यों कि उन्ही के कारण प्रभु श्रीराम का वनवास हुआ था पर वे ऐसा इसलिए नहीं कर पाए थे क्यों कि उनको भय था कि कहीं प्रभु श्रीराम मातृघाती समझकर हमसे घृणा न करने लगें वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७८ सर्ग / श्लोक २२ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम के वनवास के पश्चात मंथरा का क्या हुआ था?

                                 प्रश्न : प्रभु श्रीराम के वनवास के पश्चात मंथरा का क्या हुआ था? उत्तर: प्रभु श्रीराम के वनवास के बाद कुमार शत्रुघ्न के द्वारा मंथरा को अपमानित किया गया था जिसका विरोध कुमार भारत यह बतलाकर किये थे की यह धर्म संगत नहीं है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७८ सर्ग / श्लोक १३ - २१ द्वारा अनुज मिश्रा

श्राद्धकर्म के लिए ज्येष्ठ पुत्र का प्रथम अधिकार परंतु महाराज दशरथ का श्राद्धकर्म किन्होंने किया था?

                                प्रश्न : श्राद्धकर्म के लिए ज्येष्ठ पुत्र का प्रथम अधिकार परंतु महाराज दशरथ का श्राद्धकर्म किन्होंने किया था? उत्तर: कुमार भरत वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७६ सर्ग / श्लोक ११ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ का अंतिम संस्कार मृत्यु के कितने दिनों के पश्चात हुआ था?

                                प्रश्न : महाराज दशरथ का अंतिम संस्कार मृत्यु के कितने दिनों के पश्चात हुआ था? उत्तर: महाराज दशरथ का अंतिम संस्कार उनके मृत्यु से नवां दिन हुआ था | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७१ सर्ग / श्लोक १७, १८ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम जी की नगरी अयोध्या का मुख्य द्वार का नाम क्या था?

                                प्रश्न : प्रभु श्रीराम जी की नगरी अयोध्या का मुख्य द्वार का नाम क्या था? उत्तर: वैजयन्त द्वार वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७१ सर्ग / श्लोक ३३ द्वारा अनुज मिश्रा