शाकाहार और मांसाहार में कौन श्रेष्ठ है यह बताना बहुत मुश्किल है क्यों की दोनों को प्राप्त करने की विधि वस्तुतः एक ही है | जहाँ तक खाने की स्वतंत्रता हैं यह पूर्ण रूप से अपना अधिकार हैं | मनुष्यों की भाती जानवर , पशु, पक्षी, वनस्पति ये सब अपना अपना भोजन चुनते हैं | शाकाहार : वनस्पति से प्राप्त खाद्य वास्तु , प्रायः वनस्पति की हत्या की जाती है | अपवाद : प्याज, लहसुन इतयादि जो की वनस्पति से प्राप्त होने के उपरांत भी इसको तामसी श्रेणी में रखा गया है | मांसाहार : जंतु से प्राप्त खाद्य वास्तु , प्रायः जंतु की हत्या की जाती है | अपवाद : दूध, मध् (हनी) इतयादि जो की जंतु से प्राप्त होने के उपरांत भी इसको सात्विक श्रेणी में रखा गया है | ऐसे भी कितने ही वस्तु हैं जो की पूजा में इस्तेमाल करते हैं जैसे मृग चर्म, भेंड़ का रोम से बना कम्बल, श्रृंगी इत्यादि वनस्पति और जंतु में समानता : महर्षि भृगु और महर्षि कात्यायन के अनुसार ये दोनों ही समान हैं और एक दूसरे के पूरक हैं | १. दोनों में ज्ञानेन्द्रियाँ हैं और जरुरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल करते हैं २. दोनों का शारीरिक बनावट भी एक ही है क्यों मूलतः हड्