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" यह मेरा है " ऐसा सोच धर्मशुन्यता का प्रतीक है । इसका धार्मिक असर क्या होता है?

 


प्रश्न :" यह मेरा है " ऐसा सोच धर्मशुन्यता का प्रतीक है । इसका धार्मिक असर क्या होता है? 

उत्तर: यह मेरा है या इसके ऊपर मेरा अधिकार है, इस अज्ञान हो छोड़ना उत्तम है क्यों कि इस मोह या अज्ञानता के कारण नरक कि प्राप्ति होती है।               

संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय ४  / श्लोक ७६  

    

080424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/szFYULV-o8M

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द्वारा 

अनुज मिश्रा


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