Skip to main content

अपात्र व्यक्ति के द्वारा जप और तप करने से कैसी धार्मिक हानि?

 


प्रश्न : अपात्र व्यक्ति के द्वारा जप और तप करने से कैसी धार्मिक हानि?

उत्तर: अपात्र व्यक्तियों के द्वारा जप और तप करने के कारण जप और तप का सार ही निकल गया है।             

संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / अध्याय १  / श्लोक ७३        

130424-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/wUuW7wWCBqo

श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें

द्वारा 

अनुज मिश्रा


Comments