प्रश्न : धर्मयुद्ध में भी शत्रुओं का वध किस परिस्थिति में पापपूर्ण कार्य बन जाता है?
उत्तर: असावधान शत्रु , सोये हुए शत्रु, शरणागत शत्रु, शस्त्रहीन शत्रु और भयभीत शत्रु का वद्ध पापपूर्ण बताया गया है।
संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / प्रथम स्कन्द / अध्याय ७ / श्लोक ३६
210524-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/xzA7EQcfDDI
श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें
द्वारा
अनुज मिश्रा
Comments
Post a Comment
We welcome your comments and suggestions.