प्रश्न : श्री भगवान को निराकार क्यों बतलाया गया है?
उत्तर: भक्त जिस रूप में भगवान की आराधना करते हैं, भगवान वही रूप धारण कर लेते हैं, इसीलिए उन्हें निराकार बताया गया है।
संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / तृतीये स्कन्द / अध्याय ९ / श्लोक ११
150724-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/aHJpw4qHI5E
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द्वारा
अनुज मिश्रा
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