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हमारा मन ही बन्धन या मोक्ष प्रप्ति का कारण कैसे?

 प्रश्न : हमारा मन ही बन्धन या मोक्ष प्रप्ति का कारण कैसे?

उत्तर: इस जीव के बंधन और मोक्ष का कारण मन ही माना गया है।  भौतिक विषयों में आशक्त होने पर बंधन का हेतु होता है परन्तु परमात्मा में आशक्त होने पर मोक्ष का कारण बन जाता है ।  

संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / तृतीये स्कन्द / अध्याय २५ / श्लोक १५                                                       

080824-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/6GAGXDw9MSU



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द्वारा 

अनुज मिश्रा


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