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धर्मनिष्ठ पुत्र का होना श्रेष्ठकर क्यों बताया गया है?

 प्रश्न : धर्मनिष्ठ पुत्र का होना श्रेष्ठकर क्यों बताया गया है?

उत्तर: धर्मनिष्ठ पुत्र अपने अधर्मी पिता को भी परम गति प्रदान करवा देते हैं ।         

संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / चतुर्थ स्कन्द / अध्याय २१ / श्लोक ४७                

211124-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/lT0Veru9rqs



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द्वारा 

अनुज मिश्रा

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