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अलग अलग ब्यक्तियों के एक ही कर्म का फल अलग अलग क्यों मिलता है?

   










कर्मों का फल, कर्म में भाव का महत्तव, कर्म और भाव एक दुसरे के पूरक - कैसे? || यद् भावे तद भवति || क्या दो ब्यक्ति अगर एक ही कर्म करते हैं, तो क्या उसका फल दोनों को एक ही मिलेगा? हमारे शास्त्र /पुराण में क्या वर्णन है ? If two people perform the same action, will their result be the same? Please watch my video with references from our shastras. भाव के बिना कर्म अधूरा Action is not considered complete without feeling. विश्लेषणकर्ता - अनुज मिश्रा We love your comments and suggestions. Please visit our website for travel blogs and other related topics. Anuj Mishra https://www.drifterbaba.com/ Whatsapp / Call: +91 9900144384 #SanatanDharma #karm #satkarm


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