सौरमंडल संचालन में वायु का योगदान | Which force rotates the Earth?
ऋषि मुनि एक लोक से दुसरे लोक में कैसे पहुंच जाते थे ? वह कौन सी शक्ति थी जो की उनको मदद करती थी ? नक्षत्रों को कौन संचालित करता है ? नक्षत्र कैसे संचालित होते हैं ?
Why polar stars don't move?
हरि प्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास।
अट्टहास करि गर्जा कपि बढ़ि लाग अकास॥
४९ प्रकार के वायु का वर्णन हमारे शास्त्रों में है | ७ प्रकार के वायु का वर्णन तथा हरेक प्रकार में ७ अलग अलग प्रकार के वायु | वह कौन सी शक्ति थी जिसके द्वारा ऋषि मुनि एक लोक से दुसरे लोक में आया जाया करते थे ?
१. प्रवह : धरती को अपने धुरी में संचालित करता है |
२. आवह: सूर्य को अपने धुरी में संचालित करता है |
३. उद्वह : चंद्र को अपने धुरी में संचालित करता है |
४. संवह : बाकि दुसरे ग्रहों तथा ताराओं को अपने धुरी में संचालित करता है |
५. विवह : सभी ग्रहों तथा ताराओं को अपने अपने कक्षाओं में संचालित करता है |
६. परिवह : वायु शक्ति जो की ब्रह्मर्षियों को एक स्थान से दुसरे स्थान (एक लोक से दुसरे लोक) में जाने में मदद करता है |
७. परावह : ध्रुव तारा को अपने स्थान से नहीं हटने देने में मदद करता है |
विश्लेषणकर्ता - अनुज मिश्रा
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Anuj Mishra
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